यह जैन मंदिर हाथ का पुरा मोहल्ले में बाहर शहर के भीतर ही स्थित है। हाथ का पुरा, जिसे पहले मनगंज के नाम से जाना जाता था, वह क्षेत्र है जहां पुराने जमाने में सबसे समृद्ध जैन व्यवसायियों का अपना घर-द्वार हुआ करता था। मंदिर की नींव व निर्माण की सटीक तारीख तो खुदी हुई नहीं पायी गयी है, लेकिन मंदिर के भीतर स्थापित मूर्तियों में से कुछ की तिथि के अनुसार जो सबसे पुरानी है वो सन् 967 ई. की है और अन्य 10 वीं सदी और सन् 1204 ई. की लगती है।
ये मंदिर जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर को समर्पित है और न केवल चंदेरी वरन् अन्य स्थानों से भी भक्त मंदिर में प्रार्थना करने आते रहते हैं।