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About Chanderi

Qurbaani Chabootra,Chanderiमुख्य शहर के दक्षिण पश्चिम दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुर्बानी चबुतरा, एक बड़ा पत्थर का ऊँचा स्थान है जो कहा जाता है कि खिलजी सुल्तानों द्वारा एक घोषणा मंच के रूप में बनवाया गया था। लगभग 120 फुट लंबा और 96 फुट चौड़ा चबुतरा क्रीम रंग के सैंडस्टोन से बना है। इसके दक्षिणी सिरे से एक बड़ी सीढ़ी बनवायी गयी है ताकि प्लेटफॉर्म के शीर्ष पर चढ़ा जा सके है जहां की दो मुस्लिम संतों के मजार भी बनाये गये हैं।

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Tomb of Hazrat Kamal Shah,Chanderiहजरत कमाल शाह एक सूफी संत थे जो चंदेरी में उपदेश देते थे और कहा जाता है कि उनके पास रहस्यमय शक्तियाँ थी। उनका निधन 10 जनवरी १४१६ ई. को हुआ, जब इस मकबरे को बनाया गया था। हौज खास के पास स्थित इस मकबरे में अभी भी भक्तों आते है।

Continue reading “हजरत कमाल शाह का मकबरा” »

Qazion Ki Bawdi,Chanderiपुराने मदरसा के निकट स्थित इस बावडी़ या सीढ़ीनुमा कुँआ का निर्माण सन्1485 ई. में चंदेरी के तत्कालीन शासक, शेर खान गाजी, के आदेश के तहत काजी – इब्न – मेहरान के द्वारा करवाया गया था। यह कुँआ गोलाकार है और विपरीत दिशा से दो ​​सीढ़ियां इसमें उतरने के लिये बनवायी गयी हैं। वहाँ दो धनुषाकार प्रवेश के रास्ते हैं और ये दो शिलालेखों द्वारा घिरे हैं। शिलालेखों से हमें पता चलता है कि शेर खान गाजी के शासनकाल के दौरान चार निर्माण करवाये गए थे।

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Battisi Bawdi,Chanderiयह सीढ़ीनुमा कुँआ शहर के उत्तर – पश्चिम में स्थित है और चंदेरी में सभी बावड़ियों में सबसे बड़ा है। यह वर्गाकार है, हरेक दिशा में इसकी लंबाई 60 फुट है और यह चार मंजिला नीचे तक है। हरेक मंजिल से नीचे वाली मंजिल तक उतरने के लिये सीढ़ियाँ हैं और हरेक मंजिले पर आठ घाट हैं। कुल घाटों की संख्या 32 होती है जिससे इस बावड़ी को अपना नाम मिला है। मुख्य सीढ़ियों दक्षिणी छोर पर हैं जो दो दरवाजों से होकर गुजरती हैं। सीढ़ियों के बगल में दो अरबी और फारसी में लिखे शिलालेख हैं जो नासक लिपि में लिखे गये हैं।

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Hauz Khas,Chanderiशहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित, मौला अली पहाड़ी के निकट, हौजखास चंदेरी के सबसे बड़े तालाबों में से एक है। इसका शिलालेख अब यहाँ नहीं रह गया है वरन् ग्वालियर के गुजरी महल संग्रहालय में प्रदर्शित है। इस शिलालेख में कहा गया है कि हौज – ए – खास किसी शबनम द्वारा महमूद खिलजी के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था और यह वर्ष 1467 ई. में पूरा हुआ।

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