चंद्रगिरी पहाड़ी में स्थित यह बावड़ी का निर्माण एक ही चट्टान को काटकर किया गया है और यहाँ पहाड़ी से नीचे बहने वाले विभिन्न झरनों का पानी इक्कठा होता है खासकर मानसून काल में।पास में ही तीन प्राकृतिक गुफाएँ हैं जहाँ पहले मुस्लिम संत और मनीषी रहते थे व प्रार्थना करते थे।