पहले अपने महल और हवेलियों के लिए प्रख्यात, कहा जाता है कि चंदेरी में कभी 260 महल थे। आज यद्यपि उनमें से केवल 43 बचे हैं। अंदर शहर में स्थित राजा रानी महल या राजमहल, वास्तव में दो अलग – अलग महलों को मिलाकर बना है। भव्य राजा महल एक सात मंजिला इमारत है जिसे कि अब छोटे रानी महल में संलग्न कर दिया गया है।
दोनों हालांकि पूरी तरह से अलग अलग शैलियों में बने हैं और स्पष्ट रूप से एक ही काल से ताल्लुक नहीं रखते।
परिसर के भीतर एक बावड़ी से पाये गये दो शिलालेख अपठनीय हैं, लेकिन लिखावट की शैली से पता चलता है कि ये खिलजी काल की है। इसका तात्पर्य है कि राजा महल मूलतः खिलजी शासकों ने 15 वीं सदी में बनवाया होगा। किन्तु रानी महल उससे पहले का निर्माण प्रतीत होता है।
राजा और रानी महल दोनों, जो बुंदेली शैली में हैं, के ऊपरी भाग से संकेत मिलता है कि इन संरचनाओं की मरम्मत 17 वीं सदी में की गयी थी जब बुंदेलों का इस क्षेत्र में राज था। कुछ समय पहले तक बिगाड़ की हालत में रहे इन महलों के संरक्षण व पुनर्निर्माण पर अब किया जा रहा है।