शहर से पहले एक कोने पर स्थित जहाँ से मंगोली और ईसागढ़ सड़क अलग-अलग हो जाते हैं, चंदेरी संग्रहालय, आगंतुकों का स्वागत करती है। शानदार पत्थर की दीवारों वाला यह भवन, चंदेरी और उसके आसपास से पायी गयी मूर्तियों और प्राचीन कलाकृतियों का बेजोड़ संग्रह है, विशेष रूप से बूढ़ी चंदेरी और थूबोन से बरामद सामनों का।
14 सितंबर, 2008 को उद्घाटित इस संग्रहालय में वर्तमान में पांच गैलरी में समान प्रदर्शित है। पहली गैलरी, जिसका नाम चंदेरी का इतिहास है, ननूआन और अन्य गुफा आश्रयों में पाये गये में पाये गये रॉक पेंटिंग्स चित्रों की तस्वीरों के एक प्रदर्शनी के साथ शुरू होता है, तत्पश्चात आदिमानव के उपकरण व बाद की शताब्दियों की मूर्तियों प्रदर्शित है। एक अन्य गैलरी जिसका नाम जैन गैलरी है, में विभिन्न जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों तथा थूबोन व बूढ़ी चंदेरी में पायी गयी अन्य जैन मंदिरों के अवशेष हैं। विष्णु गैलरी में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों जैसे वराह, वामन, नरसिंह आदि की पत्थर की मूर्त्तियाँ प्रदर्शत हैं। केंद्रीय आंगन के चारों ओर बने ओपेन एयर गैलरी में संस्कृत भाषा में लिखित 10 शिलालेख है लेकिन वे अलग-अलग लिपियों में हैं।
इमारत के बाहर पर परिसर के भीतर ही हिंदू मंदिरों के जर्जर दरवाजे जो की बूढ़ी चंदेरी और थूबोन में ही पाये गये हैं, प्रदर्शित हैं।
इस संग्रहालय में एक पुस्तकालय भी है जिसमें इस क्षेत्र के इतिहास पर 3000 किताबें हैं।