परमेश्वर ताल के निकट स्थित, लक्ष्मण मंदिर को, कहा जाता है कि 18 वीं सदी में 7वें बुंदेली राजा अनिरुद्ध सिंह द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, एक स्तंभ की नक्काशी और कुछ मूर्तियाँ से संकेत मिलता है कि यह मंदिर और भी पुराने काल की है संभवतः गुर्जर प्रतिहार काल की। शेषनाग मंदिर की मुख्य मूर्ति है।
खूनी दरवाजा के नजदीक जो कि कीर्ति दुर्ग किलक का मुख्य द्वार है, ये मंदिर चंद्रगिरी पहाड़ी के शीर्ष पर है। मंदिर के भीतर ही स्थित शिलालेख पढ़ने योग्य नहीं रह गया है। लेकिन माना जाता है कि यह मेदिनी राय के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। इस स्थान से शहर का भी एक विहंगम दृश्य दिखता है। इसके पास ही एक नया मंदिर है जिसे बालाजी मंदिर कहा जाता है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है।
शहर के अधिकांश हिंदू इस मंदिर का दर्शन शादी की तैयारी शुरू होने से पहले जरूर करते है। यह शहर के उत्तर में राजघाट कालोनी के निकट स्थित है Continue reading “मातामढ़ मंदिर” »
बनावट से ज्यादा नहीं लेकिन मस्जिद-ई-उस्मानी ऐतिहासिक महत्व का अधिक है। यह चंदेरी में पहली मस्जिद है जिसका भवन व शिलालेख दोनों बरकरार है। मस्जिदों के शिलालेख के आधार पर ये पाया गया है कि यह सभी वर्तमान मस्जिदों में सबसे पुराना है। शहर के सदर बाज़ार क्षेत्र में स्थित यह मस्जिद दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद शाह तुगलक के बेटे फिरोज शाह के शासनकाल में बनाया गया था।