यह मस्जिद जो कि मुख्य शहर से काफी कम दूरी पर स्थित है, सन् 1495 ई. में गवर्नर शेर खान द्वारा घियासुद्दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह एक धनुषाकार दो मंजिला इमारत है जिसके दोनों तरफ मीनार हैं। इस के ठीक सामने एक 80 फुट गुना 100 फुट का पत्थर का मंच है जहां इस इलाके के मुसलमान आज भी ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा के अवसर पर नमाज अता करने के लिए इकट्ठा होते है।