खूनी दरवाजा के नजदीक जो कि कीर्ति दुर्ग किलक का मुख्य द्वार है, ये मंदिर चंद्रगिरी पहाड़ी के शीर्ष पर है। मंदिर के भीतर ही स्थित शिलालेख पढ़ने योग्य नहीं रह गया है। लेकिन माना जाता है कि यह मेदिनी राय के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। इस स्थान से शहर का भी एक विहंगम दृश्य दिखता है। इसके पास ही एक नया मंदिर है जिसे बालाजी मंदिर कहा जाता है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है।