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कोशक महल

यह सरल पर भव्य इमारत, जो कि चंदेरी शहर से… [more]

कोशक महल कोशक महल

शहजादी का रौजा

यह सुरुचिपूर्ण संरचना जिसे एक 12 फुट ऊँचे… [more]

शहजादी का रौजा शहजादी का रौजा

रामनगर महल व संग्रहालय

कटी घाटी फाटक से होकर जो सड़क जा रही है वो… [more]

रामनगर महल व संग्रहालय रामनगर महल व संग्रहालय

पुराना मदरसा

मालवा सल्तनत के महमूद खिलजी के संरक्षण… [more]

पुराना मदरसा पुराना मदरसा

कटी घाटी गेटवे

यह हेरालडीक संरचना, जो कि पूरी तरह से एक… [more]

कटी घाटी गेटवे कटी घाटी गेटवे

बेहटी मठ

बेहटी गाँव से 3 किलोमीटर की दूरी पर, जो कि… [more]

बेहटी मठ बेहटी मठ

नानुआन शिलाचित्र

नानुआन गांव के पास, उर्वशी नदी के किनारे-किनारे… [more]

नानुआन शिलाचित्र नानुआन शिलाचित्र

ईदगाह

यह मस्जिद जो कि मुख्य शहर से काफी कम दूरी… [more]

ईदगाह ईदगाह

खानदारगिरी मंदिर

रामनगर सड़क पर शहर से 2 किलोमीटर की दूरी… [more]

खानदारगिरी मंदिर खानदारगिरी मंदिर

बादल महल दरवाजा

यह संरचना, चंदेरी के सभी स्मारकों के बीच… [more]

बादल महल दरवाजा बादल महल दरवाजा

सिंहपुर महल

विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच में… [more]

सिंहपुर महल सिंहपुर महल

कीर्ति दुर्ग

कीर्ति दुर्ग सबसे पहले 11 वीं सदी में प्रतिहार… [more]

कीर्ति दुर्ग कीर्ति दुर्ग

जामा मस्जिद

जामा मस्जिद, जहाँ नमाज के समय 2000 से अधिक… [more]

जामा मस्जिद जामा मस्जिद

जागेश्वरी मंदिर

इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक किदवंती… [more]

जागेश्वरी मंदिर जागेश्वरी मंदिर

निजामुद्दीन के परिवार के कब्र

चंदेरी- मोंगावली रोड से होकर, जामा मस्जिद… [more]

निजामुद्दीन के परिवार के कब्र निजामुद्दीन के परिवार के कब्र

चंद्रगिरी पहाड़ी में स्थित यह बावड़ी का निर्माण एक ही चट्टान को काटकर किया गया है और यहाँ पहाड़ी से नीचे बहने वाले विभिन्न झरनों का पानी इक्कठा होता है खासकर मानसून काल में। Continue reading “एक पत्थर की बावड़ी (आब-ए-जमाम मस्जिद के पास)” »

Bada Ganesh Temple (Dhundraj),Chanderiअंदर शहर में राजमहल के पास स्थित है, इस बुंदेला काल की संरचना चंदेरी में भगवान गणेश को समर्पित मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध है। एक बड़े पत्थर का टुकड़ा जिसमें भगवान गणेश की चार भुजाओं वाली उकेरी गयी है, मंदिर की मुख्य मूर्ति है. यह मंदिर धुंधराज के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि लोगों का मानना ​​है कि मंदिर की एक यात्रा धुंधला और धूमिल दृष्टि का इलाज करने के लिए पर्याप्त है।

Continue reading “बड़ा गणेश मंदिर (धुंधराज)” »

Maula Ali Hill,Chanderiइस पहाड़ी का नामकरण चौथे खलीफा मौला अली के नाम पर हुआ है, जिनका परिवार कर्बला में शहीद हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि चंदेरी से एक संत के लिए हर साल मुहर्रम के महीने में कर्बला की यात्रा को जाते थे और वापस उसकी पवित्र मिट्टी को लेकर आते थे। किसी साल वह जा नहीं सके और एक विकल्प के रूप में इस पहाड़ी पर पवित्र मिट्टी का एक टीला बनाया और वहीं प्रार्थना की। तभी से यह पहाड़ी मौला अली हिल के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अलावा इस पहाड़ी पर हजरत बिस्मिल्लाह शाह की मजार और एक आलम गिरि मस्जिद भी है।

Continue reading “मौला अली हिल” »

Chakla Bawdi,Chanderiचंदेरी के सभी बावड़ियों में सबसे बड़ी, चकला बावड़ी एक वर्गाकार सीढ़ीदार कुँआ है जिसे खिलजी शासन के दौरान बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि यह बावड़ी शाही घराने की औरतों के लिये खासतौर पर था और आम लोगों के लिये नहीं था। इस बावड़ी के किनारे दो कब्र हैं, एक शेख राजी की पत्नी का है, जबकि दूसरा बिना किसी शिलालेख का है और शायद एक संत का है। इसके अलावा इसके पास में ही एक बड़े महल का खंडहर हैं जो संभवतः खिलजी काल का है। यह शहर के दक्षिण में स्थित है जो खंदरगिरि जोने के रास्ते पर पड़ता है।

Continue reading “चकला बावड़ी” »

Mansimheshwar Temple,Chanderiदिल्ली दरवाजा के पास स्थित मानसी महेश्वर बुंदेला काल का एक शैव मंदिर है। एक 23 लाइन लंबा शिलालेख है जो कि संस्कृत व स्थानीय बोली के साथ मिश्रित भाषा में नागरी अक्षरों में इस मंदिर की एक दीवार पर लिखा है। इससे पता चलता है कि मंदिर सन् 1724 ई. में बनवाया गया था और राजकुमार मान सिंह बुंदेला द्वारा इसकी नींव रखी गई थी।

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