ऐतिहासिक और वास्तु महत्व का एक ही स्थल पथरीगढ़-हसनगढ़ किला है जो मुगल युग के दौरान बना था। इसे बाद में खिंची शासकों द्वारा नियंत्रित किया गया और 17वीं सदी में यह मल्हार राव होलकर के अंदर आ गया था।
इस किले के भीतर 9 बड़ी तोपें प्रदर्शित की गयी हैं जिन्हें पहले के समय में इस जगह पर कई वर्षों के दौरान देखी गयी उथल-पुथल तथा लड़ाइयों व झड़पों में इस्तेमाल किया गया होगा। इसके अलावा इस किला परिसर के भीतर एक बड़ा तालाब, एक आधुनिक मंदिर जो भगवान हनुमान को समर्पित हैं तथा एक मुस्लिम संत की मजार है। गांव के परिसर के भीतर जैन तरण तारण मंदिर है।